रोनहाट : सिरमौर जिला परिषद समिति के पूर्व अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव दलीप सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से पहले अपना जन संपर्क अभियान तेज कर दिया है। जिससे शिलाई विधानसभा क्षेत्र में चौतरफ़े मुकाबले की अटकले तेज होती नजर आ रही है।
आपको बताते चले कि दलीप सिंह चौहान लाधी महल क्षेत्र के जिस जिला परिषद वार्ड से लगातार 2 मर्तबा चुनाव जीतें थे वो शिलाई विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़े वोट बैंक वाला इकलौता इलाका है जहाँ वर्तमान में सर्वाधिक करीब 22 हजार मतदाता दर्ज है। अक्सर ये भी देखने में आया है कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में ये ईलाका अक्सर चुनावी प्रत्याशी की जीत और हार में निर्णायक भूमिका निभाता है।
चूंकि, दलीप सिंह चौहान लाधी महल क्षेत्र से तालुक रखने वाले अकेले प्रत्याशी सामने आए है और इस समूचे इलाके में बीतें लंबे अरसे से उनका मजबूत जनाधार भी देखने को मिलता आया है। ग्राम पंचायत रास्त में लगातार 2 बार प्रधान रहने के बाद उन्होंने 2 बार जिला परिषद वार्ड कांडों भटनोल का चुनाव भी जीता और इसी दौरान एक मर्तबा वो सिरमौर जिला परिषद समिति के अध्यक्ष पद पर भी आसीन रहे।
हर्ष वर्धन चौहान, बलदेव सिंह तोमर और बीर सिंह राणा के साथ दलीप सिंह चौहान द्वारा चुनाव लड़ने की दावेदारी करने के बाद शिलाई विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल अब गरमाने लगा है। दलीप सिंह चौहान द्वारा गाँव-गाँव जाकर मतदाताओ की नब्ज टटोल कर समर्थन भी मांगा जा रहा है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग से बतौर मुख्य अभियंता सेवानिवृत हुए बीर सिंह राणा समूचे शिलाई विधानसभा क्षेत्र में कुछ समय पहले ही बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर चुनाव लड़ने के दावे को पक्का कर चुके है। ऐसे में एक और प्रत्याशी के मैदान में उतारने से चौतरफा मुकाबला होने को लेकर अटकले तेज होती जा रही है।
वहीं, दलीप सिंह चौहान द्वारा पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा का चुनाव लड़ने को लेकर बेबाकी से अपनी बातों को रखा गया। उन्होंने बताया की सबसे बड़ा टिकट शिलाई की जनता के समर्थन का है, जिसके बगैर किसी भी पार्टी का टिकट महज एक कागज साबित हो सकता है। उन्होंने बताया की इस बार के विधानसभा चुनाव में वो हर हाल में चुनाव लड़ेंगे और उम्मीद जताई है की शिलाई की जनता के आशीर्वाद और पार्टी आलाकमान के सहयोग से वो जरूर विजयी होंगे। उन्होंने पार्टी टिकट के लिए आवेदन करना और चुनाव लड़ना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार बताया है।