शिमला : हिमाचल प्रदेश में पीएम किसान सम्मान निधि में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है I कई जिलों में मामले सामने आने के बाद अब सरकार सख्त हुई है I फर्जी तरीके से 11,388 आयकर देने वालों ने भी किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले लिया I योजना के तहत इन सबको 11,95,22,000 रुपये का भुगतान किया गया I मामले के खुलासे के बाद इन कृषकों को वसूली के आदेश जारी किए गए हैं, साथ ही इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा गया है I इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) ने सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखा है I
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि डाटा का आयकर डाटा के साथ मिलान करने पर पाया गया है कि कुछ आयकर देने वाले लोगों ने इस योजना के तहत अनुचित लाभ लिया है I इन किसानों की सूची पोर्टल पर उपलब्ध है I पोर्टल के अनुसार, अभी तक रिकवरी का काम कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, शिमला और सिरमौर में ही किया गया है I निदेशक भू-अभिलेख की ओर से उनके कार्यालय को अक्तूबर और नवंबर में किसानों को जारी राशि को वसूल करने के बारे में लिखा गया है I पीएम किसान के आवेदन पत्रों के साथ अपात्र किसानों के विरुद्ध गलत डॉक्यूमेंट देने पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाने की बात भी कही गई है I हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर जिले में 1012 अपात्र लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है I इसके अलावा चंबा में 391 अपात्रों, हमीरपुर में 915, कांगड़ा में 2409, किन्नौर में 51, कुल्लू में 753, लाहौल-स्पीति में 33, सीएम सिटी मंडी जिले में 1889, शिमला जिले में 672, सिरमौर में 522, सोलन में 1498 और ऊना जिले में 1243 अपात्रों ने यह राशि ली है I
क्या है किसान सम्मान निधि योजना
मोदी सरकार ने गरीब किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए वर्ष 2018 में किसान सम्मान निधि शुरू की थी I अब तक किसानों को दो-दो हजार रुपये की छह किस्तें यानी 12000 रुपये उनके खाते में केंद्र सरकार जमा करवा चुकी है I योजना के तहत किसानों को हर साल तीन किस्तों में 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है, दरअसल, इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के नाम खेती वाली जमीन होनी चाहिए I किसान सम्मान निधि के आवेदन पत्र पर साफ लिखा होता है कि सरकार के वर्किंग इम्प्लॉय या रिटायर्ड इम्प्लॉय, पूर्व सांसद, मंत्री समेत वो तमाम लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते जो कि 10 हजार रुपये से अधिक की पेंशन पाते हों, बावजूद इसके लोगों ने योजना का फायदा उठाया है I