शिमला : प्रदेश की राजधानी शिमला में सड़क पर धरने के चलते एक मरीज की मौत का मामला सामने आया है। इस मामले में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।चिढ़गांव निवासी ने ठियोग पुलिस थाना में मामला दर्ज करवाया है कि धरने के चलते रास्ता बंद होने के कारण आईजीएमसी से डिस्चार्ज उनके ससुर की तबीयत बिगड़ी और उनकी जान चली गई।
जानकारी के मुताबिक सुरेश कुमार पुत्र मैन राम निवासी टिक्करी तहसील चिढ़गांव जिला शिमला ने पुलिस के पास दर्ज शिकायत में कहा है कि शुक्रवार को उनके ससुर को आईजीएमसी से डिस्चार्ज किया गया। वे उनको लेकर घर ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में फिर से उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगी, लेकिन जब वह फागू पहुंचे तो वहां पर ट्रैफिक जाम था। वे पैदल भेखलटी तक आए, जहां पर सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा, कुलदीप तंवर, सुरेश,पूर्व प्रधान बालकृष्ण, रमेश भोटका आदि पानी की समस्या को लेकर धरना दे रहे थे। पुलिस से आग्रह कर बड़ी मुश्किल से गाड़ी निकालकर उन्हें सिविल अस्पताल ठियोग पहुंचाया गया । वहां पर डॉक्टरों ने उनके ससुर को मृत घोषित कर दिया।
थाना ठियोग पुलिस ने इसी मामले में मुकदमा नंबर 80/2022 IPC की धारा 341 143 304 A के तहत दर्ज किया है। अगर समय रहते उनके ससुर अस्पताल पहुंच जाते तो उनकी जान बच सकती थी, लेकिन विरोध प्रदर्शन के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा पाए और ससुर की जान चली गई।
जाहिर है उपमंडल ठियोग की पंचायत में पानी की किल्लत को लेकर गुस्साए लोगों ने शिमला-किन्नौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भेखलटी में करीब डेढ़ घंटे तक चक्का जाम किया था। इस प्रदर्शन का नेतृत्व ठियोग के विधायक राकेश सिघा कर रहे थे।