शिमला : हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग में 4000 और पैरा वर्करों की भर्ती की जाएगी। इसको लेकर जल शक्ति विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर दिया है। इनकी भर्ती पर आगामी मंत्रिमंडल की बैठक में मोहर लगेगी। राज्य में पेयजल व सिंचाई योजनाओं का नैटवर्क बढ़ने के कारण फील्ड स्टाफ की भर्ती जरूरी हो गई है। यह जानकारी जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हिमाचल को 4500 करोड़ रुपए की राशि मिली थी, जिसमें से 1800 करोड़ रुपए अभी खर्च करने को बचे हैं। इस राशि को 31 दिसम्बर तक खर्च किया जाएगा। इसके लिए विभाग के सभी अधिकारियों को चल रही योजनाओं का कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी हिमाचल के कार्यों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत दूसरे चरण में वाटर सोर्स स्ट्रैंथनिंग का कार्य किया जाना है, जो वर्ष 2024 तक पूरा किया जाएगा।
जल शक्ति मंत्री ने प्रदेश में चल रहे जल संकट को लेकर ईएनसी व सचिव जल शक्ति विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। मंत्री ने अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों ने बताया कि शिमला व इसके साथ लगते क्षेत्रों में जल संकट है, लेकिन यहां पर पानी शिमला जल प्रबंधन निगम द्वारा दिया जाता है। इसके अलावा जिला शिमला के ठियोग-मतियाना क्षेत्र में पानी की दिक्कत है। वहां पर 160 करोड़ की कुरपन खड्ड का कार्य चल रहा है। इसके अलावा कुछ समस्या सोलन की है, जहां पर कुछ क्षेत्र नगर निगम देखती है। सोलन के लिए 110 करोड़ की योजना का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।