21 वर्षीय सपना बनी सबसे कम उम्र की बस ड्राईवर, बनी मिसाल

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    पांवटा साहिब : हिमाचल की लड़कियां कमाल कर रही है विकास खंड के बायला गांव की 21 साल की सपना ने हेवी व्हीकल लाइसेंस प्राप्त कर महिला सशक्तिकरण का अनोखा उदाहरण पेश किया है। लड़कियां सूरत और शौक के लिए दो चलाना सीख लेती हैं लेकिन व्यवसाय के तौर पर यहां लड़कियां ड्राइविंग को व्यवसाय के तौर पर नहीं चुनौती है मगर पावटा विकासखंड के बायला गांव की सपना ने हेवी व्हीकल ड्राइविंग को कैरियर के तौर पर चुनकर अनोखा उदाहरण पेश किया है  । इसके लिए बाकायदा न्यू फ्रेंड्स ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण लिया और उसके बाद इतनी कम उम्र में पहली हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस होल्डर बनी। सपना का सपना है कि बस स्कूल चलाकर अपना कैरियर शुरू करें। 

     21 वर्षीय सपना बागबाहरा गांव के संजीव कुमार और सुनीता देवी की बेटी है सपना को बचपन से ही ड्राइविंग का शौक था ।  ड्राइविंग सीखने के बाद सपना ने हेवी व्हीकल ड्राइविंग को अपने कैरियर के तौर पर चुना इस साल की उम्र में हेवी व्हीकल ड्राइविंग को बतौर कैरियर चुनना किसी भी लड़की के लिए आसान नहीं होता  । लेकिन इस काम में सपना के पिता संजीव कुमार और माता सुनीता देवी ने उसका पूरा सहयोग किया । सपना को न्यू फ्रेंड्स ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में दाखिला दिलाया और उसकी ट्रेनिंग का सारा खर्च भी उठाया हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस मिलने से सपना के परिजन और उसके प्रशिक्षक बेहद खुश हैं छोटी सी उम्र की सपना बड़े इरादों को कामयाब करने वाली अनोखी उदाहरण बन गई है ।

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