कृषि कानूनों की वापसी के बाद नरेन्द्र मोदी स्टेटसमैन बनकर उभरे-डा. बिन्दल

0
218

नाहन-विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने कहा है कि देव दीपावाली एवं गुरू पर्व के महान दिवस पर PM नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापिस लिए जाने के फैसले की घोषणा करना सारी दुनिया के लिए एक नया संदेश लेकर आया है। उन्भाहोंने कहा कि भारत का लोक तंत्र विश्व का सबसे शानदार लोकतंत्र बन कर उभरा है जिसमे PM देश के सबसे बड़े स्टेटसमैन बन कर उभरे हैं। राजीव बिन्दल ने कहा कि अंग्रेज यानि ब्रिटिशर अपने आपको लोकतंत्र का मसीहा बताते हैं, परन्तु भारत की धरती के कण-कण ने उनकी दरिंदगी देखी है, लाखों करोड़ों भारतीयों ने उनकी हैवानियत सही है, भारत का साक्षात्कार अंग्रेजी हुकूमत में जलियांवालाबाग कांड जैसे अनंेकों नरसंहारों से हुआ है, अमानवीयता का नग्न नृत्य ब्रिटिशर की हुकुमत में होता था और वे लोकतंत्र के नायक कहलाते थे।  परन्तु नरेन्द्र मोदी ने केवल इसलिए 3 कृषि कानूनों को वापिस ले लिया क्योंकि वे इससे होने वाले लाभ किसानों को नहीं समझा पाए, या फिर हमारे किसान भाई समझ नहीं पाए।
भारत ने ‘‘भारत माता’’ का विभाजन देखा है, करोड़ों भारतीयों को अपना घर-बार, माता-पिता, बच्चों से बिछुड़ते देखा है, विभाजन की आग में लाखों के कत्लेआम का साक्षी बना है भारत। भारत ने मजहबी, उन्माद की आंधी देखी है, परन्तु उस समय के सत्तासीन नेताओं ने देश वासियों से क्षमायाचना करना तो दूर भारत माता के अंग-भंग होने पर खेद तक जताना उचित नहीं समझा।
बिन्दल ने कहा कि मेरे देश ने सत्ता की लोलुपता में आपातकाल की आंधी देखी है, इमरजेंसी के नाम पर लोकतंत्र की हत्या, मीडिया की तबाही, तानाशाही की इन्तहा देखी है, परन्तु उस समय के सत्तासीन नेताओं ने इस अत्याचार को सदा ही सही ठहराने का प्रयास किया।
देश में विगत 70 सालों में सैंकड़ों किसान, मजदूर आंदोलन हुए जिन्हें लाठी-गोली के दम पर कुचल डाला गया, किसी नेता ने इसकी जिम्मेवारी नहीं ली।
डा. बिन्दल ने कहा कि यह पहला अवसर है कि  देश के विकास के लिए, किसान की आमदनी को दोगुना करने के लिए, कृषि कानून लाए गए। उन कानूनों का लाभ किसान को मिलेगा यह बात किसान को हम समझा नहीं पाए और प्रतिपक्ष कभी किसान का भला नहीं चाहता था, जिसने किसान को यह विषय समझने नहीं दिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here