राज्य के युवा देश के खातिर बलिदान देने में अग्रणी
शिमला – हिमाचल प्रदेश आबादी के हिसाब से एक छोटा पहाड़ी राज्य है, लेकिन इस राज्य के युवा देश के खातिर बलिदान देने में हमेशा आगे रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आज यहां अन्नाडेल में आयोजित विजय दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव का दिन है और यह देश हित में हमारे महान सपूतों द्वारा दिए गए बलिदान को याद करने का भी दिन है। उन्होंने कहा कि इस दिन 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान के साथ 13 दिन तक चली लंबी लड़ाई के बाद जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 93 हजार से अधिक सैनिकों ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने हार स्वीकार कर आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बहादुर सैनिकों ने भी इस युद्ध में वीरता का इतिहास रचा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वीर सैनिकों ने हर युद्ध में अदम्य साहस दिखाया है और राष्ट्र के सरहदों की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने से भी नहीं चुके हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है, उन्होंने कहा कि हिमाचल को वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि लाखों सैनिक भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में कुल 527 शहीदों में से 52 हिमाचल प्रदेश के थे और दो परमवीर चक्र हिमाचली सैनिकों द्वारा जीते गए थे। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि राज्य के बहादुर सैनिकों को अब तक 1096 वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने बहादुर सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 52 शहीदों के सभी आश्रितों को 5-5 लाख रुपये की राशि दी गई और इन परिवारों में से 48 परिवारों के आश्रितों को रोजगार भी प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के आश्रितों को 20 लाख रुपये और युद्ध और सैन्य अभियानों के दौरान 50 प्रतिशत शारीरिक रूप से विकलांग होने वाले सैनिकों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा इसके अलावा भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा विभिन्न सैन्य अभियानों में शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों के लिए पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी उपलब्ध करवाने का भी प्रावधान किया गया है।शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, पूर्व मंत्री और विधायक कर्नल डाॅ. धनीराम शाण्डिल, सचिव सामान्य प्रशासन दिवेश कुमार, अन्य मिल्ट्री और प्रशासनिक अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे, जबकि विधायक जे.आर. कटवाल और राकेश जम्वाल झंडूता और सुन्दरनगर से वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।