शिमला. हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग में 1.94 करोड़ रुपये की खरीद मामले में 11 साल बाद छह अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है I दरअसल, जल शक्ति विभाग (आईपीएच महकमा) में वर्ष 2003 से 2006 के बीच उपकरणों और अन्य सामग्री की खरीद में 1.94 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया था I विजिलेंस ने शिमला की एक अदालत में अब चार्जशीट दाखिल कर दी है I चार्जशीट में आईपीएच के छह अधिकारियों और चार निजी व्यक्तियों को शामिल किया गया है I विजिलेंस ने इस मामले में कुल तीन चार्जशीट दाखिल की हैं I आरोपी अधिकारियों में आईपीएच विभाग शिमला के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर और चार जूनियर इंजीनियर (JE) शामिल हैंI
बिना टैंडर के खरीद
दरअसल, अधिकारियों की मिलीभगत से 1.94 करोड़ रुपये की सामग्री को फर्जी तरीके से खरीदा गया I आईपीएच शिमला की मैकेनिकल डिविजन के कुछ अधिकारियों ने नियमों को ताक में रखकर बिना टैंडर प्रकिया के करोड़ों की खरीददारी कर डाली I आईपीएच के अधीक्षण अभियंता की जांच रिपोर्ट में वितीय अनियमितताएं सामने आई I बाद में विजिलेंस ने वर्ष 2009 में धोखाधड़ी और सरकारी पैसे के दुरुपयोग पर एफआईआर दर्ज की थी I
कई फर्में दिखाई, जो मौजूद नहीं थी
विजिलेंस की जांच में सामने आया कि तत्कालीन ईओ, एई और 4 जेई के साथ 4 निजी आपूर्तिकर्ताओं ने सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया और मिलीभगत से बिना टैंडर के सामान और उपकरण खरीद डाले I इस काम को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया I कुछ खरीद उन फर्मों से दिखाई गई जो कि मौजूद ही नहीं थीं I विजिलेंस ने पुराने रिकॉर्ड को जुटाकर तफ्तीश की और संबंधित रिकार्ड को जांच के लिए एफएसएल भेजा था I जाचं के दौरान कई गवाहों की जांच की गई और सक्षम अधिकारियों से अभियोजन स्वीकृति ली गई.